इंसानों में बर्ड फ्लू का पहला केस-

चिली में इंसानों में बर्ड फ्लू का पहला केस देखने को मिला है. बताया जा रहा है कि यहां 53 साल के शख्स में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है. शख्स में इन्फ्लूएंजा के लक्षण मिले हैं. लेकिन मरीज स्थिर स्थिति में है.चिली की सरकार बर्ड फ्लू के स्रोत के साथ-साथ मरीज के संपर्क में आए व्यक्तियों की खोज में जुट गई है. चिली में जंगली जानवरों में पिछले साल के अंत से H5N1 बर्ड फ्लू के मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन इंसान में यह पहला केस मिला है.

यह बीमारी एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस H5N1 की वजह से होती है। यही कारण है कि बर्ड फ्लू को एवियन इन्‍फ्लूएंजा वायरस (Avian Influenza Virus) भी कहते हैं।
भारत भी इस बात को लेकर काफी सतर्क है. विदेशी पक्षियों की जांच शुरू कर दी गयी है. लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श ले.

बर्ड फ्लू (H5N1) के लक्षण-
  • हर वक्त नाक बहना.
  • कफ की समस्या हो जाना.
  • पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस करना.
  • सिर के दर्द से परेशान रहना.
  • आंख का लाल हो जाना (कंजंक्टिवाइटिस)
  • दस्त हो जाना.
  • जी मिचलाना या उल्टी आने जैसा महसूस करना.
  • गले में सूजन की समस्या हो जाना.
  • बुखार हो जाना.
  • मांसपेशियों में दर्द महसूस करना.
कैसे करे बचाव-
  • व्यक्ति को मरे हुए पक्षियों के संपर्क में आने से बचना चाहिए.
  • यदि आप बर्ड फ्लू वाले इलाके में रहते हैं तो वहां के नॉनवेज को अपनी डाइट में ना जोड़ें.
  • नॉनवेज खरीदते वक्त वहां की साफ सफाई पर ध्‍यान दें.
  • नॉनवेज खाने से परहेज करे.
  • मास्‍क पहनकर बाहर जाएं.
बर्ड फ्लू का उपचार-

बर्ड फ्लू का इलाज एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) (oseltamivir (Tamiflu) ) और ज़ानामिविर (रेलेएंजा) (zanamivir (Relenza)) से किया जाता है।
खूब मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करनें जैसे पानी, सूप और फलों के रस आदि। तरल पदार्थों के रूप में अकेले पानी का ही सेवन ना करें इसके साथ अन्य रसों व तरल पदार्थों का भी सेवन करें क्योंकि अकेले पानी में पर्याप्त मात्रा में इलक्ट्रोलाइट्स (उदाहरण के लिए सोडियम और पोटैशियम) नहीं होते जिनकी शरीर को आवश्यकता होती है।

आपके परिवार के सदस्यों या आपके किसी करीबी व्यक्ति के लिए भी एंटिवायरल दवाएं लिखी जा सकती हैं, ताकि उनके बीमार होने से पहले ही उनमें संक्रमण फैलने से पहले ही रोकथाम की जा सके। बर्ड फ्लू के मरीज को अन्य परिवार के सदस्यों से थोड़ा अलग रखा जाता है ताकि उससे संक्रमण किसी अन्य व्यक्ति में ना फैले।