UP Election 2022: अगले साल उत्तर प्रदेश (यूपी) में होने विधानसभा चुनाव को लेकर हर दिन समीकरण बदल रहे हैं। सत्तारुढ़ भाजापा जहां छोटे से छोटे दल को भी छोड़ना नहीं चाहती। वहीं छोटे दल जातीय समीकरण में खुद को बड़ा बताकर बड़ी हिस्सेदारी के लिए दबाव बना रहे हैं। इस कड़ी में डॉक्टर संजय निषाद के नेतृत्व वाली निषाद पार्टी ने एक बार फिर पलटी मारते हुए भाजपा को समर्थन देने का वादा किया है।
अमित शाह से मुलाकात के बाद नरम पड़े निषाद
केन्द्र के कैबिनेट विस्तार में जगह नहीं मिलने के बाद नाराज चल रहे डॉक्टर संजय निषाद ने पिछले दिनों दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद निषाद की नाराजगी बहुत हद तक दूर होती दिख रही है। संजय निषाद ने कहा कि आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में निषाद पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी को अपना पूर्ण समर्थन देने की घोषणा की है। निषाद ने कहा कि निषाद समुदाय अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को बहाल करने के लिए 2022 में बीजेपी के साथ सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
डिप्टी सीएम बनाने की रखी थी मांग
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के पहले संजय निषाद बीजीपी से नाराज चल रहे थे। जून के बाद केंद्रीय गृह मंत्री के साथ निषाद की यह दूसरी मुलाकात थी, जिसमें उन्होंने अपने बेटे प्रवीण के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मांगी थी, जो बीजेपी सांसद हैं। जब उनके बेटे को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया, तो उन्होंने सार्वजनिक रूप से बीजेपी के प्रति अपनी निराशा व्यक्त की थी। इसके बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से यह कहा था कि बीजीपी उन्हें डिप्टी सीएम बनाएगी तभी वह बीजेपी का समर्थन करेंगे। हालांकि शाह से दूसरी मुलाकात के बाद उनकी नाराजगी दूर होती दखी है। निषाद ने यूपी में फिर बनेगी भाजपा सरकार का भरोसा जताया है। निषाद ने हालांकि, कुछ मांग भी रखी है। उन्होंने कहा कि उन्होंने बीजेपी से हर ग्राम सभा में तालाबों और जलाशयों पर निषादों का अधिकार बहाल करने की भी मांग की है। साथ ही निषाद ने यह भी कहा कि 2007 में मायावती सरकार ने प्रावधान में बदलाव किया। सरकार को इसे बहाल करना चाहिए। संजय निषाद ने आंदोलन के दौरान आगरा, गोरखपुर, जौनपुर और गाजीपुर में निषादों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की भी मांग की है।