हुंडई क्रेटा और किया सेल्टोस की मिड साइज एसयूवी बाजार में सफलता ने देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी की बेचैनी बढ़ा दी है। वह अब मिड साइज एसयूवी के बाजार में जल्द ही नए धमाके की तैयारी में है। अब तक उसे केवल देश की दूसरी सबसे बड़ी कार कंपनी हुंडई से कड़ी टक्कर मिल रही थी लेकिन अब कोरिया की नई नवेली किया ने भी मारुति को परेशानी में डाल दिया है।
क्रेटा का दबदबा
मौजूदा समय में देश में मिड साइज एसयूवी में हुंडई की क्रेटा का दबदबा है। उसे कुछ हद तक केवल किया की सेल्टोस टक्कर दे पाई है। लेकिन हुंडई महज छह साल में छह लाख क्रेटा बेचकर उसका दमखम दिका चुकी है और अभी भी सालाना बिक्री करीब एक लाख है।
एस-क्रॉस उम्मीदों पर खरी नहीं
मारुति ने कई बदलाव के बाद एस-क्रॉस को मिड साइज एसयूवी में एक विकल्प के रूप में पेश किया लेकिन यह बड़े स्तर पर अपना कोई प्रभाव छोड़ने में सफल नहीं हो सकी है जिससे कंपनी को दोबारा नई रणनीति पर काम करने के लिए मजबूर कर दिया है। मारुति सुजुकी के विपणन और बिक्री निदेशक शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि छोटी एसयूवी श्रेणी में विटारा ब्रेजा का जलवा कायम है लेकिन मिड साइज एसयूवी श्रेणी में कंपनी की हिस्सेदारी काफी कम है। श्रीवास्तव का कहना है कि इस श्रेणी में हमारे पास एस-क्रॉस है, जिसे हमने नए इंजन के साथ पिछले वर्ष अगस्त में उतारा है। उन्होंने कहा कि मिड साइज एसयूवी श्रेणी में कंपनी की एस-क्रॉस का प्रदर्शन सर्वश्रेष्ठ नहीं रहा है।
ऐसे हुआ मारुति की नई रणनीति का खुलासा
शशांक श्रीवास्तव का कहना है कि घरेलू यात्री वाहन श्रेणी में कंपनी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए मिड साइज एसयूवी श्रेणी में बड़ा कदम रखना बेहद महत्वपूर्ण है। श्रीवास्तव का कहना है कि हमारे पास मिड साइज एसयूवी में नए वाहन की योजना है पर इस वाहन की योजना के बारे में नहीं बोल सकता। मिड साइज एसयूवी श्रेणी में पर पैनी नजर लगाए हुए हैं। हम निश्चित तौर पर इस क्ष्रेणी में कुछ नया देखेंगे। उन्होंने आगे बताया कि एसयूवी श्रेणी में हमारी बाजार में हिस्सेदारी महज 13.2 फीसदी है। मुझे लगता है कि परेशानी यही है। हालांकि जहां तक छोटी एसयूवी श्रेणी का सवाल है तो हम बाजार में बाकियों से कहीं आगे हैं।