वित्त मंत्रालय सरकारी बैंकों में लिपिक (क्लर्क) के पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा को फिलहाल टाल दिया है। मंत्रालय ने मंगलवार को बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस) को सरकारी बैंकों में लिपिक कैडर की परीक्षा को उस समय तक रोकने का निर्देश दिया जब तक कि क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा लेने के बारे में अंतिम विचार नहीं तय हो जाता।
आईबीपीएस ने हाल में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में लिपिक ग्रेड में भर्ती का विज्ञापन निकाला है। इसके तहत परीक्षा सिर्फ दो भाषाओं अंग्रेजी और हिंदी में होगी। परीक्षा का आयोजन क्षेत्रीय भाषाओं में भी करने की मांग उठती रही है। विशेषरूप से दक्षिण के राज्यों से ऐसी मांग की जाती है। भारत के संविधान में 22 भाषाओं को मान्यता है।
समिति मामले पर करेगी विचार
वित्त मंत्रालय ने आधारिक बयान में कहा कि लिपिक कैडर की परीक्षा स्थानीय/क्षेत्रीय भाषाओं में कराने की मांग पर एक समिति का गठन किया गया है। समिति इस पूरे मामले पर गौर करेगी। समिति अपनी सिफारिशें 15 दिन के अंदर देगी। तब तक आईबीपीएस द्वारा मौजूदा परीक्षा आयोजित नहीं होगी। समिति की सिफारिशें आने के बाद ही परीक्षा आयोजित की जाएगी।
वित्त मंत्री ने दिया था भरोसा
वित्त मंत्री ने जुलाई, 2019 में संसद को भरोसा दिया था कि क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) में भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन अंग्रेजी और हिंदी के साथ क्षेत्रीय भाषाओं में भी किया जाएगा। इसके मद्देनजर स्थानीय युवाओं को समान अवसर उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने 2019 में आरआरबी में ऑफिस असिस्टेंट और ऑफिसर स्केल वन की परीक्षा कोंकणी और कन्नड़ सहित 13 भारतीय भाषाओं में भी करने का फैसला किया था।